रायगढ़ को क्या चाहिए – कलम वाला या अनपढ़ महापौर ? 

by Bhanu Pratap Mishra

रायगढ़ में महापौर चुनाव हुआ दिलचस्प

महापौर चुनाव में शिक्षा बनाम अशिक्षा की बहस तेज़, रायगढ़ ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में बना चर्चा का विषय**

रायगढ़ : रायगढ़ नगर निगम चुनाव इस बार एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है। यह चुनाव सिर्फ़ किसी पार्टी की जीत या हार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा बनाम अशिक्षा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। आम आदमी पार्टी आप (AAP) ने उच्च शिक्षित, संघर्षशील और विचारशील नेता रुसेन कुमार मिरी को महापौर पद के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि एक प्रमुख दल भाजपा ने चाय, गुटखा, खैनी बेचने वाले अनपढ़ व्यक्ति को उम्मीदवार घोषित किया है। रायगढ़ को ऐसा निष्ठावान युवा नेतृत्व चाहिए जो भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से संघर्ष कर सके।

इस निर्णय ने रायगढ़ ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ में एक नई बहस को जन्म दिया है—क्या तेजी से विकसित हो रही डिजिटल दुनिया में आधुनिक समय में रायगढ़ जैसी ऐतिहासिक धर्मनिष्ठ कला संस्कार की धानी सेठ किरोड़ीमल और महाराजा चक्रधर की पावन नगरी को शिक्षित नेतृत्व की ज़रूरत है या फिर उसे अनपढ़ लोगों के हाथों में सौंपा जाना चाहिए?

शिक्षा बनाम अशिक्षा: रायगढ़ की दिशा तय करने का समय

आज की आधुनिक दुनिया में जब शिक्षा, डिजिटल क्रांति, स्मार्ट शहर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की बातें हो रही हैं, तब रायगढ़ के महापौर चुनाव में दो अलग-अलग छवियाँ उभरकर सामने आई हैं—
1️. एक ओर हैं रुसेन कुमार मिरी, जो पीएचडी, एमबीए और बीएससी जैसे उच्च शैक्षणिक योग्यता से लैस हैं, जिन्होंने अपने जीवन में संघर्ष कर शिक्षा प्राप्त की और समाज के लिए कुछ करने का संकल्प लिया।


2️. दूसरी ओर हैं एक प्रमुख राजनीतिक दल के उम्मीदवार, जो गुटखा, खैनी, पाउच बेचने वाले और अनपढ़ व्यक्ति हैं, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि प्रशासनिक अनुभव या बौद्धिक विचारों से कोसों दूर है। जिनकी अशिक्षा का दुरुपयोग द्वारा भारी भ्रष्टाचार होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

आखिर क्यों चुना गुटखा व्यापारी को प्रत्याशी ?

यह सवाल हर रायगढ़वासी के मन में कौंध रहा है कि जब भारत सहित पूरी दुनिया में शिक्षा, कौशल, उच्च शिक्षा, तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा दिया जा रहा है, तब कोई राजनीतिक दल ने रायगढ़ को अशिक्षित नेतृत्व देने का निर्णय क्यों लिया?

क्या राजनीतिक दल को रायगढ़ के भविष्य की चिंता नहीं है?

क्या वह चाहती है कि रायगढ़ का नगर निगम भ्रष्टाचार, बेकारी और अव्यवस्था का अड्डा बन जाए?क्या ऐसा कदम जनता को विकास की बजाय पिछड़ेपन की ओर धकेलने का संकेत नहीं देता?

रायगढ़ को हमेशा से छत्तीसगढ़ की राजनीति का गढ़ माना जाता है। यह एक बौद्धिक शहर रहा है, जहाँ के लोग जागरूक हैं और अपने शहर के विकास को लेकर सजग रहते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता शिक्षा और विकास का समर्थन करती है या अज्ञान और भ्रष्टाचार का?

रुसेन कुमार: संघर्ष से नेतृत्व तक का सफर

रुसेन कुमार मिरी का जीवन संघर्ष से भरा रहा है। साधारण संस्कारी कला संपन्न परिवार में जन्मे रुसेन कुमार ने कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई की और उच्च शिक्षा प्राप्त की। रुसेन कुमार 16 वर्ष की आयु में अशिक्षा और गरीबी से संघर्ष करने के लिए घर छोड़ दिया था । रुसेन कुमार बालकपन से ही प्रतिभाशाली और उन्होंने शिक्षक, पत्रकार, लेखक, कारपोरेट जर्नलिस्ट, अत्यंत सफल बुद्धिजीवी, कारपोरेट सलाहकार के रूप में उनकी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान है। उनकी शिक्षाएँ केवल डिग्रियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने अपने ज्ञान को समाज के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया। उन्होंने शिक्षा और व्यवहार कुशलता के कारण राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। कुछ विशेषज्ञों का राजनीति में उनके आने से छत्तीसगढ़ में नए राजनीतिक समीकर बन सकते हैं। वे दलित समुदाय से संबंध रखते हैं इस नाते छत्तीसगढ़ के दलित-आदिवासी पिछड़े समाज को उनसे अनेक उम्मीदें हैं।

सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष

उन्होंने रायगढ़ की भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था के लिए आवाज उठाई, उसके साहस की पूरे छत्तीसगढ़ में सराहना हो रही है।

आम जनता की समस्याओं को लेकर कई बार प्रशासन और सरकार से सीधी टक्कर मोल ली है, इस कारण से जनमानस उन्हें दिल से पसंद कर रहा है 

शहर के मूलभूत विकास, रोजगार, प्रदूषण नियंत्रण और पारदर्शी प्रशासन की मांग को लेकर संघर्ष किया।

शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और जल प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनके विचार स्पष्ट और ठोस हैं।

क्यों रुसेन कुमार रायगढ़ के लिए सही हैं ? 

 शिक्षित, दूरदर्शी और प्रशासनिक अनुभव रखने वाले उम्मीदवार
 भ्रष्टाचार मुक्त रायगढ़ का संकल्प
 आधुनिक सोच और डिजिटल युग के अनुसार शहर का विकास
 युवाओं और महिलाओं के विकास के लिए ठोस योजनाएँ
 रायगढ़ को आत्मनिर्भर बनाने की नीति

जनता के सामने सबसे बड़ा सवाल: रायगढ़ को चाहिए कलम वाला या चाय वाला ? 

यह चुनाव रायगढ़ की जनता के लिए एक परीक्षा है। क्या वे
 एक शिक्षित, ईमानदार और दूरदर्शी नेता को चुनेंगे, जो रायगढ़ को आधुनिक और विकसित शहर बना सके?
 या फिर एक अनपढ़ और अनुभवहीन व्यक्ति को चुनेगी, जो भ्रष्टाचार और ग़रीबी को और बढ़ावा देगा?

जनता को अब सोचना होगा

शिक्षा बनाम अशिक्षा
 विकास बनाम भ्रष्टाचार
 आत्मनिर्भर रायगढ़ बनाम पिछड़ा रायगढ़

 रायगढ़ के लोग बदलाव के लिए तैयार हैं! अब बारी आपकी है! 11 फरवरी को सही निर्णय लें!

 झाड़ू छाप पर बटन दबाएँ और रायगढ़ को शिक्षित नेतृत्व दें!
 आम आदमी पार्टी (AAP) के महापौर प्रत्याशी रुसेन कुमार मिरी को विजयी बनाएं!

You may also like

Leave a Comment