वैदिक काल से सातवीं शताब्दी तक हमारे देश में शिक्षा की प्रणाली पूर्णतः गुरुकुल पर निर्भर हुआ करती थी। उसके पश्चात् बाह्य आक्रमण से संस्कृति में धीरे-धीरे बदलाव हुआ और उसके साथ ही शिक्षा की प्रणाली को विद्यालीन और विश्व विद्यालीन शिक्षा प्रणाली में परिवर्तित किया गया, जिसके साथ-साथ हमारी सभ्यता भी बदलती गयी और हम भी पूरी तरह बदलते गये।
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