मनोरंजन वैदिक काल से समाज का अंग रहा है। समय के साथ मनोरंजन के साधनों में परिवर्तन होते होते आज मनोरंजन फिल्मों और हास्य धारावाहिकों में खोजा जाने लगा है। पूर्व में लोक कलाओं अर्थात् लोक संचार के माध्यमों से मनोरंजन का कार्य किया जाता था। इस लिए यह जानना आवश्यक हो जाता है कि लोक संचार क्या है ?
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