भारत के अन्य प्रदेशों की भांति छत्तीसगढ़ में भी संचार के लिए लोक माध्यमों को विकसित किया गया। जिन्हें लोकनाट्य, लोक नृत्य व लोक संगीत के रूप में जाना जाता है। छत्तीसगढ़ में भी लोक नाट्यों, लोक नृत्यों व लोक संगीतों के माध्यम से लोगों में संदेश देने, मनोरंजन पहुंचाने व लोगों को शिक्षित करने का कार्य पुरातन काल से किया जाता रहा है।
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