रायगढ़ – जिले के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित पुस्तक ’’रायगढ़ एक खोज’’…
साहित्य
-
-
घटनाक्रममीडिया साक्षरतासाहित्य
रायगढ़ के ऐतिहासिक दस्तावेज पर आधारित पुस्तक है ’रायगढ़ एक खोज’ – रामचन्द्र शर्मा
शिक्षाविद् और मोटिवेशनल स्पीकर रामचन्द्र शर्मा ने ’रायगढ़ एक खोज’ पुस्तक को रायगढ़ जिले के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण दस्तावेज करार दिया। उन्होंने इस पुस्तक की विशेषताओं और इसकी गहराई को विस्तारपूर्वक साझा किया।
-
-
यह मेरे कल्पना का नगर है। जिसमें हर दसवां व्यक्ति समाजसेवी है। यह एक छोटा सा नगर होने के बाद भी ख्याति प्राप्त नगर है। इसको ख्याति जिले का मुख्यालय होने के कारण नहीं, अपितु यहां के समाज सेवियों के कारण प्राप्त है। जिले का क्षेत्रफल लगभग 7 हजार वर्ग किलोमीटर होने के बाद भी, यहां तो व्यवसाय है ही नहीं, यहां सिर्फ और सिर्फ समाजसेवी ही वसते हैं। जो समाजसेवी नहीं हैं वे दीन-हीन, लाचार लोग हैं।
-
कामवाली बाई आज फिर देर से आई थी। उसकी इस लेट लतीफ़ी से ज़ेबा मेम बहुत परेशान थी। इस वजह से उन्हें कभी आफिस जाने में देरी हो जाती थी। उन्हें बड़ी झुंझलाहट होती परंतु वे जानती थीं कि अगर गुस्से में ज्यादा कुछ कह दिया तो कामवाली बाई नाराज़ हो कर काम ही छोड़ कर ना चली जाये।
-
कवि रमेशराज धीरे-धीरे जिस पाश्चात्य संस्कृति का शिकार हमारा समाज होता जा रहा है, उसके…
-
स्वच्छता के लिए प्रतिकों के रूप में चलाया जाने वाला अभियान मात्र अभिनय का एक उपक्रम है। जिसके माध्यम से जनता में संदेश देने का उद्देश्य कम और मीडिया में अभिनय के माध्यम से स्थान बनाने का उद्देश्य अधिक होता है। इसलिए यह स्वभाविक है कि उच्च पदों पर आसीन लोगों द्वारा इस प्रकार का अभिनय भी अधिक पारंगतता से किया जाता है। इस प्रकार के अभिनय से ऐसा प्रतीत होता है कि समाज में उनके द्वारा सकारात्मक संदेश भेजने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अन्य मुद्दे गौण हो तो इसे अभिनय ही कहा जा सकता है।
-
मई माह की चिलचिलाती धूप में झुलसते और गर्म हवाओं के तमाचे खाते हुए वह तेज़-तेज़ कदम रखते हुए घर की ओर बढ़ रहा था… दो ठ़डे-मीठे ख्यालों को मन में संजोये कि घर जाते ही माँ से कहेगा कि खूब सारी कुटी बर्फ मिला रूह अफज़ाह का शर्बत बना दें, जिसे तृप्त भाव से पी कर कूलर की मनभावन ठंडक में पाँव पसार कर साँझ तक सोता रहेगा