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Bhanu Pratap Mishra

Bhanu Pratap Mishra

  • कला एवं संस्कृतिमनोरंजन

    बिहार के पारम्परिक मनोरंजन के संसाधन

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    भारत के अन्य प्रदेशों की भांति बिहार की लोककलाएँ मनोरंजन, शिक्षण और सूचना आदान -प्रदान की माध्यम होती हैं। वहीं बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में भाषायी भिन्नता होने के कारण बिहार की लोककलाएँ अलग-अलग प्रकार की पाई जाती है।

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  • कला एवं संस्कृतिमनोरंजनशिक्षा

    कवि सम्मेलन है भारत का पुरातन मनोरंजन और लोक संचार का माध्यम

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    भानु प्रताप मिश्र कवि सम्मेलन लोक संचार का बहुत ही प्रभावशाली और अनोखा माध्यम है।…

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  • मीडिया साक्षरताकला एवं संस्कृतिमनोरंजनशिक्षा

    छत्तीसगढ़ के लोकनाट्य हैं लोक संचार के माध्यम

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    भारत के अन्य प्रदेशों की भांति छत्तीसगढ़ में भी संचार के लिए लोक माध्यमों को विकसित किया गया। जिन्हें लोकनाट्य, लोक नृत्य व लोक संगीत के रूप में जाना जाता है। छत्तीसगढ़ में भी लोक नाट्यों, लोक नृत्यों व लोक संगीतों के माध्यम से लोगों में संदेश देने, मनोरंजन पहुंचाने व लोगों को शिक्षित करने का कार्य पुरातन काल से किया जाता रहा है।

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  • कला एवं संस्कृतिमनोरंजनमीडिया साक्षरताशिक्षा

    भारत के पारंपरिक मनोरंजन के संसाधान

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    भानु प्रताप मिश्र भारत के प्रसिद्ध पारम्परिक नाटक या लोकनाट्य (1) यात्रा/जात्रा : यह पूर्वी…

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  • साहित्‍य

    समाजसेवियों का नगर

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    यह मेरे कल्पना का नगर है। जिसमें हर दसवां व्यक्ति समाजसेवी है। यह एक छोटा सा नगर होने के बाद भी ख्याति प्राप्त नगर है। इसको ख्याति जिले का मुख्यालय होने के कारण नहीं, अपितु यहां के समाज सेवियों के कारण प्राप्त है। जिले का क्षेत्रफल लगभग 7 हजार वर्ग किलोमीटर होने के बाद भी, यहां तो व्यवसाय है ही नहीं, यहां सिर्फ और सिर्फ समाजसेवी ही वसते हैं। जो समाजसेवी नहीं हैं वे दीन-हीन, लाचार लोग हैं।

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  • साहित्‍य

    कामवाली बाई के प्रशिक्षण का पहला दिन

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    कामवाली बाई आज फिर देर से आई थी। उसकी इस लेट लतीफ़ी से ज़ेबा मेम बहुत परेशान थी। इस वजह से उन्हें कभी आफिस जाने में देरी हो जाती थी। उन्हें बड़ी झुंझलाहट होती परंतु वे जानती थीं कि अगर गुस्से में ज्यादा कुछ कह दिया तो कामवाली बाई नाराज़ हो कर काम ही छोड़ कर ना चली जाये।

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  • साहित्‍य

    नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त..!

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    कवि रमेशराज धीरे-धीरे जिस पाश्चात्य संस्कृति का शिकार हमारा समाज होता जा रहा है, उसके…

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  • साहित्‍य

    सफाई अभिनय

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    स्वच्छता के लिए प्रतिकों के रूप में चलाया जाने वाला अभियान मात्र अभिनय का एक उपक्रम है। जिसके माध्यम से जनता में संदेश देने का उद्देश्य कम और मीडिया में अभिनय के माध्यम से स्थान बनाने का उद्देश्य अधिक होता है। इसलिए यह स्वभाविक है कि उच्च पदों पर आसीन लोगों द्वारा इस प्रकार का अभिनय भी अधिक पारंगतता से किया जाता है। इस प्रकार के अभिनय से ऐसा प्रतीत होता है कि समाज में उनके द्वारा सकारात्मक संदेश भेजने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अन्य मुद्दे गौण हो तो इसे अभिनय ही कहा जा सकता है।

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  • साहित्‍य

    उसके हिस्से की धूप

    by Bhanu Pratap Mishra March 21, 2023
    March 21, 2023

    मई माह की चिलचिलाती धूप में झुलसते और गर्म हवाओं के तमाचे खाते हुए वह तेज़-तेज़ कदम रखते हुए घर की ओर बढ़ रहा था… दो ठ़डे-मीठे ख्यालों को मन में संजोये कि घर जाते ही माँ से कहेगा कि खूब सारी कुटी बर्फ मिला रूह अफज़ाह का शर्बत बना दें, जिसे तृप्त भाव से पी कर कूलर की मनभावन ठंडक में पाँव पसार कर साँझ तक सोता रहेगा

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  • कला एवं संस्कृतिमनोरंजनमीडिया साक्षरता

    मनोरंजन मीडिया का एक प्रमुख कार्य

    by Bhanu Pratap Mishra March 20, 2023
    March 20, 2023

    मनोरंजन वैदिक काल से समाज का अंग रहा है। समय के साथ मनोरंजन के साधनों में परिवर्तन होते होते आज मनोरंजन फिल्मों और हास्य धारावाहिकों में खोजा जाने लगा है। पूर्व में लोक कलाओं अर्थात् लोक संचार के माध्यमों से मनोरंजन का कार्य किया जाता था। इस लिए यह जानना आवश्यक हो जाता है कि लोक संचार क्या है ?

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