भानु प्रताप मिश्र
एक सर्वमान्य लोकोक्ति है कि तस्वीरें बोलती हैं, तो आज के चुनावी दौर में रायगढ़ विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी ओम प्रकाश चौधरी के कई स्वरूप के फ्लेक्सों में से एक ऐसी संदेश वाली फ्लेक्स रायगढ़ के चौक-चौराहों पर लगी हुई हैं, जिसमें दो ही तस्वीरें लगी हैं। उसमें से एक तस्वीर रायगढ़ के प्रत्याशी ओम प्रकाश चौधरी की है और दूसरी तस्वीर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की है। इस स्वरूप के फ्लेक्स के तस्वीरों में मिश्रित संदेश की व्याख्या लोग अलग-अलग ढंग से कर रहें हैं।
संचार के क्षेत्र में तस्वीरों का महत्त्व
संचार के क्षेत्र में पत्रकारिता एक कार्य है, जिसमें तस्वीरों के माध्यम से भी लोगों से संचार किया जाता है। पत्रकारिता का मूल कार्य जनसंचार के माध्यमों से एक बड़े क्षेत्र के लोगों तक सूचना पहुंचाना, मनोरंजन पहुंचाना और लोगों को शिक्षित करने का कार्य किया जाता है। इन तीनों प्रकार के कार्यों को निष्पादित करने के लिए तस्वीरों का भी सहयोग लिया जाता है। इसलिए उक्त फ्लेक्स की तस्वीरों में मिश्रित संदेश को अलग-अलग प्रकार से लोगों द्वारा डिकोड किया जा रहा है। यही कारण है कि मेरी भी उस फ्लेक्स पर दृष्टि गयी और मैंने उसके संदेश को समझने का प्रयास किया।
उस फ्लेक्स पर कुछ छात्र-छात्राओं की दृष्टि
उस फ्लेक्स की तस्वीर दिखाकर मेरे द्वारा छात्र-छात्राओं के बीच यह जानने का प्रयास किया गया कि जो छात्र-छात्रा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनकी दृष्टि और राजनैतिक समझ कितनी है ? फ्लेक्स में उपयोग किए गए दो तस्वीरों के विषय पर किए गए प्रश्न का उत्तर दस छात्र-छात्राओं का लगभग एक ही जैसा रहा। उनके द्वारा दिए गए उत्तर का सार यह रहा कि ओम प्रकाश चौधरी द्वारा फ्लेक्स के माध्यम से रायगढ़ के लोगों में मोदी जैसी दूरदर्शी दृष्टि को रेखांकित करने का प्रयास किया गया है।
यह राजनैतिक नहीं सामाजिक संदेश का संवाहक
छात्र-छात्राओं का साफ-साफ कहना था कि सम्भवतः यह राजनैतिक फ्लेक्स नहीं, अपितु सामाजिक विकास पर दूर दृष्टि को प्रदर्शित करने के लिए लगाया गया फ्लेक्स है। इस स्वरूप के प्रचार माध्यमों से व्यक्ति संक्षेप में अपने लक्ष्य और भाव को प्रकट करने का प्रयास करता है। किन्तु इस स्वरूप के प्रचार माध्यमों का हानि पक्ष यह भी है कि राजनीति शास्त्र के समझ के आभाव में लोग अलग-अलग अर्थ लगा सकते हैं।